सब कुछ है ग़ुम सुम तेरे जाने से।
मेरी आँखें हैं नम तेरे जाने से।
अपना हो साथ कोई, तो वक़्त कट जाता है,
हर आलम है गैर तेरे जाने से।
सोचा था न कभी, हम यहाँ आ जायेंगे,
वो बेदर्दी से हमें यूँ तङपाएंगे।
बे इन्तहा सितम वो करते चले गए,
पर हिम्मत भी है बहुत इस दीवाने में।
तेरे साथ की चाहत आखिर हम क्यों न करें,
इश्क किया है हमनें, ज्यादा अपनी जान से।
मेरी मौत की तारीख भी तय कर ले ज़ालिम,
इस प्यार की कीमत अदा होगी, मेरे जाने से।
Thursday, February 4, 2010
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