काश मैं यह जिद्द कर सकता।
उन्हें पाने की एक साजिश कर सकता।
जो नहीं मिलते हमसे कभी।
उनके पास जाने की कोशिश कर सकता।
उनके चेहरे को छू कर,
उनकी आँखों में मैं डूब सकता।
उनकी घनी जुल्फों की छाँव में,
सपने हसीन सजा सकता।
हाथ उनका मैं थाम कर,
वादे सभी निभा सकता।
ना आंसू आये उनकी आँखों में,
मैं उनकी ख़ुशी का कारण बन सकता।
काश मैं यह जिद्द कर सकता, उन्हें पाने की साजिश कर सकता।
Friday, January 22, 2010
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