रब से और क्या मांगू मैं, आज मेरी हर रज़ा भी तू है.
तेरे आँगन में खुशियाँ बिखेरूं, हंसीं तेरे लब पर सजा दूं
इस कठिन राह पर चला जा रहा, पर मेरी मंजिल भी तू है.
मेरे दिल में जब जब, तेरी तस्वीर बन के आती है,
तू माने या न माने, मेरी धड़कन रुक सी जाती है
तेरे मीठे बोल मेरी हर रग में बस गए हैं.
तू मेरी ज़रूरत, और मेरी इबादत भी तू है.
तूने इतना तो जाना होगा, मेरे दिल में है मोहब्बत कितनी,
और कितनी दूरी पड़ी है, अब साथ चलना हमने है.
तेरे हर कदम की आहट से, हर दम भरना हमनें है.
तू मेरी उम्मीद है, और मेरी हमसफ़र भी तू है.
A Promise to Remember