Saturday, January 23, 2010

कैसे समझाएं उन्हें कितना उनसे प्यार है?

उसके आने का बेसब्री से इंतज़ार है।
कैसे समझाएं उन्हें कितना उनसे प्यार है?
आने की उनकी न कोई खबर,
मेरे प्यार से हैं वो बेखबर।
आने का उसके इन आँखों को इंतज़ार है।
कैसे समझाएं उन्हें कितना उनसे प्यार है?
लबों पे रुक रुक कर क्यों आता है उनका नाम?
ना चाहते हुए भी, इन हाथों में है फिर ये जाम।
दीदार को उनके ये दिल बेकरार है।
कैसे समझाएं उन्हें कितना उनसे प्यार है?

सपने बहुत सजाये मैंने

सपने बहुत सजाये मैने, धोखे बहुत हैं खाए मैंने.
जाने अनजाने में जाने क्यों, दिल में दर्द छुपाये मैंने।

जब भी कोई दुःख आया, आंसू बहुत बहाए मैंने,
अपनों का कभी साथ न छोड़ा, अपनों को कभी न रुलाया मैंने।

जीवन पथ पर जब कभी, अकेलापन छाने लगा,
याद किया दिलनशीं पलों को, आगे कदम बढ़ाये मैंने।

क्या दिन, क्या रात, हर पल उसे बुलाया मैंने।
साथ उसका चाहा, चाहत के दिए जलाए मैंने।

सपने बहुत सजाये मैंने, धोखे बहुत हैं खाए मैंने.

Friday, January 22, 2010

काश मैं यह जिद्द कर सकता

काश मैं यह जिद्द कर सकता।
उन्हें पाने की एक साजिश कर सकता।
जो नहीं मिलते हमसे कभी।
उनके पास जाने की कोशिश कर सकता।

उनके चेहरे को छू कर,
उनकी आँखों में मैं डूब सकता।
उनकी घनी जुल्फों की छाँव में,
सपने हसीन सजा सकता।

हाथ उनका मैं थाम कर,
वादे सभी निभा सकता।
ना आंसू आये उनकी आँखों में,
मैं उनकी ख़ुशी का कारण बन सकता।

काश मैं यह जिद्द कर सकता, उन्हें पाने की साजिश कर सकता।

Thursday, January 21, 2010

तुम्हें आना पड़ेगा

ग़म के अँधेरे में उजाले की तलाश है।
कैसे भुलाएँ उसे, चेहरा वो ख़ास है।
क्यों यादें पुरानी आती हैं पर जाती नहीं?
चाँद की रौशनी क्यों मुझे लुभाती नहीं।
उदासी है छायी और आँखें हैं नम।
यह तेरा मेरा प्यार आखिर क्यों हुआ कम?
किस गलती की सज़ा है यह मुझे मिली?
ज़िन्दगी मेरी तन्हाई की आग में है जली।
तेरे बारे में दुनिया चाहे जो भी कहे,
दिल कहता है की तेरा प्यार मुझे ही मिले।
ये बंधन जो बाँधा वो निभाना पड़ेगा,
तुम चाहो चाहो, तुम्हे आना पड़ेगा,
आज नहीं तो कल, तुम्हें आना ही पड़ेगा।